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आधुनिक जैविक खेती के जरिये लिखी जा सकती है नयी कहानी
तकनीकी विकास के साथ साथ हमारे खेतों में पैदावार और लेबर की समस्या बिलकुल ख़त्म सी होती जा रही है पहले जहाँ किसी कार्य को करने हेतु कई घंटे और महीने का सफर तय करना पड़ता था अब वो कार्य मिनटों में सिमट गया है। आज के इस अंक में हम बात करेंगे धान की उन्नत खेती के विषय में। हमें कब, किस समय कितना, और क्या करना है सब इस अंक में साझा किया जाएगा।
जैविक एवं वैज्ञानिक खेती की क्या आवश्यकता है ?
समय की मांग को देखते हुए धान की जैविक खेती करना नितांत आवश्यक हो चला है, हमारे स्वस्थ रहने का एकमात्र उपाय है सही खान पान। बहुत सी कंपनियों ने अपने फायदे के लिए कई तरीके के जहरीले उत्पादों को बनाकर हमारे खेतों में डलवाकर हमारी मिटटी के साथ -साथ वातावरण को भी प्रदूषित कर दिया है। अभी भी वक्त बचा है सँभलने का, यदि इस समय सुधार प्रक्रिया की शुरुआत हो जाए तो आने वाले समय में हम अपनी नयी पीढ़ी को शुद्ध वायु और जलवायु के साथ साथ शुद्ध भोजन भी प्रदान कर सकते है।
जैविक खेती एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे हम किसी भी रासायनिक खाद का इस्तेमाल न करते हुए पूर्णतयः जैविक विधि से निर्मित उर्वरको के प्रयोग से फसलोत्पादन करते है। फसलों पर हो रहे विनाशकारी कीटनाशकों एवं रासायनिक उर्वकरको के अंधाधुंध प्रयोग से नयी नयी बीमारियों के साथ साथ हम अपनी जमीन की उर्वरा शक्ति को भी खोते चले जा रहे है। केंद्र सरकार के साथ मिलकर कई सारी राज्य सरकारों ने ऐसा उपक्रम चलाया है जिससे जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा सके।
जैविक खेती होने वाले फायदे ?
जैविक खेती के अनगिनत फायदे है यदि हम बात करे उत्पादन की तो जो भी उत्पादन जैविक खेती के जरिये प्राप्त होता है उसमे चमक के साथ साथ पौश्टिकता और स्वाद भी भरपूर मात्रा में होता है। जैविक खेती करने वाले लोग अब जैविक खेती करना छोड़ नहीं सकते क्योकि वो स्वाद रासायनिक फसलों में नहीं है जो इस जैविक खेती में उपलब्ध है। जैविक खेती से जो भी उत्पादन मिलता है उसका मूल्य सदा रासयनिक विधि द्वारा उत्पादित फसलों का दोगुना होता है।
प्रकृति हमको जो भी देती है वह वापस भी लेती है वो चाहे जिस भी रूप में हो। हम अपने खेत से फसलोत्पादन करते है फिर बचे हुए अवशेषों की खाद बनाकर उसी खेत में पुनः डाल देते है जिससे खेत की उर्वरा शक्ति बनी रहती है और हमारा जीवन चक्र चलता रहता है। यदि बात करें कचरे के संकट की तो आप सबको ज्ञात होगा कि एक शहर में हजारो टन सब्जियों एवं फलों के छिलके के साथ साथ घरों से निकलने वाले बचे हुए खाद्य पदार्थो के द्वारा शहर भर में गन्दगी का अम्बार लगा रहता है। यदि इस तरफ ध्यान दिया जाय और शहरों के किनारे- किनारे छोटे-छोटे जैविक खाद निर्माण यूनिट लगाकर इस कचरे से बचा जा सकता है।
यदि आप लोग चाहते है की जैविक खेती की एक पूरी श्रंखला इस वेबसाइट के माध्यम से आप लोगों तक पहुंचे तो आप सभी नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय दे ताकि जैविक खेती की एक श्रंखला आप सब के मध्य रखी जा सके।

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